ॐ मोहिनी मोहिनी कहाँ चली, हरखु राई कां मचली खाने की कुछ चीजे चाहे वो पान हो, इलायची हो या फिर लौंग इनमे आकर्षण का काम कर साध्य को दिया जाता था जिसके प्रभाव से धीरे धीरे सामने वाला दिमाग उसके कण्ट्रोल से बाहर होने लगता था. Thanks pandit kapil https://tantramantraaurvigyaan.com/