किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला. सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ देवनः यदा यदा https://lanecjrmg.dm-blog.com/29846055/shiv-chalisa-lyrics-fundamentals-explained